Sunday, October 21, 2018

जानिए IAS और IPS के लिए लोग क्यों रहते है उत्साहित

भारत में IAS को एक नौकरी नहीं माना जाता बल्कि एक प्रतिष्ठा माना जाता है। लोग IAS से जुडी हुई प्रशासनिक शक्ति तथा सुविधाओं से इतने ज्यादा प्रेरित हैं की इसे पाने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। आम तौर पे कहा जाता है की IAS तो जिले का राजा होता है और इसी ताजपोशी के लिए सभी कड़ी मेहनत करते हैं । कहने को तो IAS एक प्रशासनिक नौकरी है पर जिले के सभी राज्य सरकार के डिपार्टमेंट कहीं न कहीं इसी पद से जुड़े होते हैं।

निजी क्षेत्र में रोज़गार के अवसरों में वृद्धि के बावजूद, भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के चारों ओर का आभामंडल बरकरार है और वास्तव में हाल के वर्षों में बढ़ रहा है। हर साल केंद्रीय लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सर्विसेज परीक्षा (सीएसई) के लिए लगभग 10 लाख आवेदन प्राप्त करता है जिसके माध्यम से IAS और IPS के लिए 200-300 अभ्यर्थियों का चयन किया जाता है।

अब, दिलचस्प सवाल यह है कि "भारतीय युवाओं के लिए कैरियर की सबसे बड़ी पसंद IAS और IPS ही क्यों है ?" इसका जवाब देने के लिए, जागरण जोश ने इन प्रतिष्ठित सेवाओं के कुछ प्रमुख आकर्षणों को एक साथ यहाँ प्रस्तुत किया है। वे इस प्रकार हैं:

प्रशिक्षण

IAS/IPS अधिकारियों को दी गई प्री-सर्विस और इन-सर्विस ट्रेनिंग IAS और IPS के प्रमुख आकर्षण में से एक है। IAS के लिए उत्तराखंड के मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (एलबीएसएनएए) में दो साल का प्रशिक्षण दिया जात है, जबकि हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एसवीपीएनपीए) में IPS का प्रशिक्षित दिया जाता है। इस ट्रेनिंग के दौरान विभिन्न शिक्षाविदों से मिलने का अवसर प्रदान किया जाता है। इसके लिए सामाजिक क्षेत्र से जुडी हुई हस्तियों से भी मिलने का अवसर प्रदान किया जाता है। पढाई के अलावा, इस ट्रेनिंग में विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ तैराकी, ट्रैकिंग, घोड़े की सवारी, राइफल शूटिंग आदि भी सिखाई जाती है । लगातार अंतराल पर, IAS और IPS अधिकारी भारत और विदेशों में इन-सर्विस प्रशिक्षण के लिए भी भेजे जाते हैं।

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शक्तियां और संवैधानिक संरक्षण

ऑल इंडिया सर्विसेज, सेंट्रल सर्विसेज और स्टेट सर्विसेज की तुलना में IAS और IPS अधिकारियों के पास सबसे ज्यादा शक्तियां हैं. जिला कलेक्टर / पुलिस अधीक्षक के रूप में एक IAS/IPS अधिकारी जिले का 'असली मालिक’ होता हैं. वास्तव में, जिला कलेक्टर के रूप में, एक IAS अधिकारी जिले के सभी विभागों और सरकारी एजेंसियों के कामकाज की देखरेख करता है।

शहर में किसी भी काम के लिये कलेक्टर(IAS) या SSP(IPS) से अनुमति प्राप्त करनी होती है। जैसे की शास्त्र का लाइसेंस लेना हो, शहर में सर्कस लगाना हो, कोई प्रदर्शनी लगानी हो, जेल की श्रेणी में परिवर्तन करवाना हो इत्यादि तो DM(IAS) की अनुमति की आवश्यकता होती है। यहाँ तक की बिना चीफ सेक्रेटरी की सलाह के, राज्य का कोई मंत्री पेपर में विज्ञापन नहीं दे सकता । शहर में रैली निकालनी हो तो पुलिस(IPS) की अनुमति चाहिए होती है।

विशाल शक्तियों के अलावा, IAS और IPS अधिकारियों को संविधान से सुरक्षा प्राप्त है। हालांकि वे राज्य सरकार के तहत कार्य करते हैं परन्तु केवल भारत के राष्ट्रपति को उन्हें सेवा से बर्खास्त करने की शक्ति है। इससे उन्हें एक उद्देश्य और कुशल तरीके से काम करने और राजनीतिक दबावों के बिना झुके काम करने की आज़ादी मिलती है।

वेतन और भत्ता

चाहे वे किसी भी राज्य में सेवा कर रहे हों, देश भर में IAS और IPS अधिकारियों के वेतनमान समान होते हैं। देश में प्रतिभाशाली दिमाग को आकर्षित करने के लिए IAS और IPS अधिकारियों के वेतन और भत्ते हमेशा एक उच्चस्तर पर बनाए रखे जाते हैं। परन्तु ये वेतन एवं भत्ते इस सेवा का आकर्षण नही हैं.

वेतन और भत्ते के अलावा, क्षेत्रीय कार्यालयों या मुख्यालयों में काम कर रहे IAS और IPS अधिकारी, विशाल घरों (जैसे कलेक्टर के बंगले), परिवहन के लिए वाहन, अंगरक्षक, आदि के पात्र होते हैं।

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सामाजिक प्रतिष्ठा

कल्पना कीजिए, 130 करोड़ से अधिक आबादी वाले देश के लिए, करीब 5,000 IAS अधिकारी और 4,000 IPS अधिकारी है। नीति बनाने और नीति के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका के साथ विशाल विवेकाधीन शक्तियों के कारण, भारतीय समाज में IAS और IPS अधिकारियों की सामाजिक प्रतिष्ठा बहुत अधिक है। इसके अलावा, मंत्रियों और उच्चस्तरीय राजनेताओं, व्यवसायियों और मशहूर हस्तियों से निकटता, IAS और IPS अधिकारियों के पद को और भी आकर्षक बना देती है।

समाज सेवा का भरपूर अवसर

IAS और IPS पदों पर रहते हुए समाज सेवा के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। IAS अधिकारी कल्याणकारी योजनाओं के डिजाइन और क्रियान्वयन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो आम आदमी के जीवन को सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं। विकास के लिए कानून व्यवस्था का ठीक होना अनिवार्य है। दोनों ही परिस्थिति के लिए IAS और IPS अधिकारी ही जिम्मेदार हैं। IPS अधिकारी कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए वचनबद्ध हैं तथा संकट की किसी भी परिस्तिथि में विभिन्न समुदाय के नेताओं के साथ परामर्श करके संकट के समय में शांति बहाल करने और आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए प्रयास करते हैं ।

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जीवन शैली

IAS/IPS अधिकारीयों की जीवन शैली, इस सेवा का सबसे बड़ा आकर्षण बिंदु है । IAS/ IPS अधिकारीयों को कार्य की व्यस्तता के साथ साथ जीवन जीने की भरपूर सुविधाएं उपलब्ध हैं । सरकार और साथ ही समाज में सम्माननीय जगह होने की वजह से, उन्हें खेल, संगीत, शिक्षण, गैर-सरकारी संगठनों से जुड़ने का मौका मिलता है । शहर के महत्वपूर्ण क्लबों, संघों और संगठनों में कई बार उन्हें अध्यक्ष के रूप में चुना जाता है और इससे उन्हें उन संगठनों के कामकाज में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए पर्याप्त मौका मिलता है।

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कैरियर

IAS और IPS की अनूठी विशेषता यह है कि इन अधिकारियों को स्थानीय स्तर (जिला और राज्य), राष्ट्रीय स्तर पर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की सेवा करने के अवसर मिलते हैं। हालांकि IAS और IPS अधिकारियों को किसी विशेष राज्य में आवंटित किया जाता है, लेकिन कुछ अंतराल के बाद उन्हें संघ सरकार की सेवा करने का अवसर प्रदान किया जाता है। IAS/IPS अधिकारी, केंद्र तथा केन्द्रीय संगठनो में, विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में प्रतिनियुक्ति पर जाते हैं, IPS अधिकारी विभिन्न क्षमताओं में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में शामिल होते हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, IAS अधिकारी वैश्विक अंतरसरकारी संगठनों जैसे कि संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक समूह, विश्व व्यापार संगठन, आदि में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। IPS अधिकारियों को अनुसंधान और विश्लेषण विंग (रॉ) की इकाइयों में विदेशों में तैनात किया जाता है, जो भारत की प्राथमिक विदेशी खुफिया एजेंसी है ।

सेवानिवृत्त IAS और IPS अधिकारियों के लिए सरकार के भीतर और बाहर प्रचुर अवसर उपलब्ध हैं। सेवानिवृत्ति के बाद, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी), वित्त आयोग, चुनाव आयोग आदि जैसे संवैधानिक निकायों के लिए IAS अधिकारी नियुक्त किये जाते हैं । इसी तरह, राज्य सरकारें भी राज्य लोक सेवा आयोगों और सार्वजनिक निगमों में सेवानिवृत्त IAS अधिकारी नियुक्त करती हैं।

निजी क्षेत्र में सेवानिवृत्त IAS और IPS अधिकारियों के लिए कई अवसर हैं। वास्तव में, कई अधिकारियों ने हाल के वर्षों में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति सेवा (वीआरएस) लेकर निजी कंपनियों में बड़े पदों पर तैनाती ली है ।

इतनी सुविधा तथा सामाजिक प्रतिष्ठा के कारण सभी विद्यार्थी अपने जीवन काल में एक बार तो जरूर ही IAS/IPS बन्ने के बारे में सोचते हैं ।

IPS अधिकारी और राज्य पुलिस अधिकारियों के बीच अंतर

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