Saturday, September 1, 2018

रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट क्या है WHAT IS REPO RETE AND REVERS REPO RETE


namskar  aap sab kaise hai umid hai aap sb achhe honge 

दोस्तों मै  आपको बताना  चाहता  हु की   अगर आप  एक स्टूडेंट  या business man या शिक्षक  है यानी किसी भी क्षेत्र  से हो आप ,में सीखने की भूख  हो तो आपके लिए हमारे पास  बहुत  कुछ है हमारेwebpage पर  aapke लिए बहुत ही महत्वपूर्ण विषय एक से एक आर्टिकल मिलेंगे जो आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा इतिहास भूगोल, और अर्थशास्त्र करेंट अफेयर  और रोचक तथ्य time too time aap  तक पहुँचती रहेगी जिसे किसी भी प्रतियोगी  परीक्षा में आप अपना बेहतर दे सके या किसी के सामने आप अपने को स्मार्टली फ्रूफ कर सके /

यहाँ आपको  विभिन्न  प्रतियोगी  परीक्षा जैसे  UPSC ,CDS, SSC, RAILWAYS ,STATE SERVICE की सामग्री मिलेगी  

 यहां ध्यान देने योग बात है की जीतने भी  प्रतियोगी परीक्षा के नाम आप देख रहे है; उनमे UPSC सर्वोच्च  है 

क्योकि  आप  जानते  UPSC जैसे  कठिन प्रतियोगी  परीक्षा की तैयारी करेंगे तो SSC,RAILWAYS ,CDS STATE SERVICE जैसे प्रतियोगी परीक्षा   की  तैयारी 9०%  तक  हो जाएगी  /         

  1.  दोस्तों  आप अक्सर tv में समाचार   पत्रों  में आप  सुनते होंगे की  रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया  ने  ब्याज दर को बढ़ाया  तो होम लोन व कार  लोन महंगा हो जायेगा और  अगर  ब्याज दर घटाया  तो होम लोन व कार लोन सस्ता  हो जायेगा   आखिर ये ब्याज दर होता क्या है ? ब्याज दरों  से इसका क्या रिश्ता है ?

    • महंगाई और विकाश दर को कैसे प्रभावित करता है ? आज के इस अंक में हम यही समझने की कोशिस करेंगे

      • आरबीआई   गवर्नर की अध्यक्षता वाली मैद्रिक निति समिति (MPC) केंद्रीय बैंक  नीतिगत दरे यानि रेपो ,और रिवर्स रोई और CRR तय करती है | सरकार  ने वित्त विधेयक 2016 के जरिये भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम  की धारा 45 JDB में संशोधन कर MPC  के गठन का प्रावधान  किया है | अध्यक्ष  सहित MPC में कुल छह सदस्य  होते है - तीन आरबीआई से और तीन सरकार  प्रतिनिधि | सदस्य का कार्यकालय चार साल का होता है  न्यायम के मुताबिक MPC  एक शाल में कम से कम चार बैठक  होनी CHAHIYE | फ़िलहाल MPC की साल में छह बैठक  होती है| 

      •  आरबीआई बैंकिंग क्षेत्र का नियामक है लेकिन यह काम व्यवसायिक  बैंको की तरह ही काम करता है | मसलन यह,सरकारी और व्यावसायिक बैंको के लिए बैंकर  का काम करता है | उन्हें उधार देता है, उनकी धनराशि  जमा करता है | यह लेंडर ऑफ़ लास्ट रिसोर्ट ; होता है | इसका मतलब यह हुआ   कोई बैंक संकट में है और उसे कही से उधार  नहीं मिल रहा है तो आरबीआई  उसे उधार देगा|   

        1. WHAT IS REPO  RETE    AND   REVERS REPO RETE

        (क )   रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट क्या है 

        रेपो दर--:  

        ANS--: बैंको को जब नकदी की जरुरत पड़ती है तो वे रिजर्व बैंक से उधार लेते है | आरबीआई  इस अल्पावधि  उधारी यानि (OVER NIGHT) के लिए बैंको से जो ब्याज दर वसूलता है उसे ही रेपो दर कहते है | आरबीआई समय -समय पर इसकी दरें  फिक्स करता है | फिलहाल रेपो दर छह फीसद है | आरबीआई "लिक्विडिटी   एडजस्टमेंट फैसिलिटी " के तहत बैंको को उधार देता है | हालांकि इसके लिए बैंको को सरकारी सिक्योरिटी  जैसे बंद आरबीआई के पास कोलेटरल के रूप में रखने पड़ते है| 

         रिवर्स रेपो रेट --:

          ANS--रिवर्स रेपो दर वह दर है जिस पर आरबीआई बैंको से जमाराशि  लेता है उदाहरण के लिए किसी  बैंक  अगर किसी दिन अतिरिक्त  नकदी  आ  गई तो उसे वह आरबीआई में जमा कर देगा  जिसके बदले उसे रिवर्स  के बराबर  ब्याज मिलेगा| फ़िलहाल  रिवर्स रेपो रेट 5.7 फीसद है | लिक्विडिटी अडजस्टमेंट फैसिलिटी के जरिये बैंकिंग सिस्टम  नकदी बढ़ाने या घटने के लिए  आरबीआई इन दोनों डरो का सहारा लेता है | रेपो  दर जब बढ़ती है तो कर्ज महंगा होजाता है क्योकि बैंको को उधार लेने के लिए अधिक धनराशि चुकानी पड़ती है इसलिए वे  होम लोन व कार लोन पर्शनल  लोन  या कारोबार के लिए लोन लेने वाले अपने ग्राहको से अधिक दर वसूलते है | आरबीआई रेपो दे उस समय बढ़ता है जब महगाई दर ऊपर जा रही होती है | रेपो दर बढाकर आरबीआई सिस्टम नकदी घटाकर मांग को नियंत्रित   करने का प्रयास करता है 

        WAHT IS CRR AND SLR 

        क्या है सीआरआर और एसएलआर ?

        बैंको के  पास चालू  खाते , बचत खाते और  फिक्स्ड जमा खाते के  रूप में जीतनी भी धनराशि जमा (नेट डिमांड एंड टाइम लाइबिलिटी ) होती है  निश्चित हिंसा उन्हें सीआरआर (कैस रिजर्व रेश्यो ) के रूप में रिजर्व बैंक के पास रखना होता है | फ़िलहाल सीआरआर की दर चार फीसद है |इसी तरह बैंको को उनकी नेट डिमांड एंड टाइम लायबिलिटी  यानि सुध मांग और समय देयताओं का एक निश्चित हिंसा सरकारी सिक्योरिटी  मसलन बॉन्ड  ,सोने इत्यादि में निवेश करना होता है उसे SLR (स्टैच्युटरी  लिक्विडिटी  रेश्यो ) कहते है | फ़िलहाल इसकी दर 19.5 फीसद  CRR व SLR  के जरिये RBI यह सुनिचित करता है बैंको की जमा धनराशि सुरक्षित असेट्स में रहे |    

     

                     economics se releted video dekhne ke liye yhaa 

     

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