INTERNATIONAL RELATION
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भारत और चीन ने 26 जुलाई 2018 को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठक आयोजित की. हाल के दिनों में शुरू हुई बातचीत की गति को बरकरार रखने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए संबंधित हितधारकों को उचित निर्देश देने पर सहमति व्यक्त की.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस दौरान दोनों देशों के बीच करीबी विकास साझेदारी को समेकित तथा विकसित करने पर सहमति जताई.
द्विपक्षीय वार्ता के मुख्य बिंदु........
• भारत और चीन द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के लिए उच्च स्तरीय मैकनिज्म बनाने पर सहमत हुए हैं.
• इसके जरिए दोनों देशों के बीच पैदा होने वाले विवादों को उच्च स्तर पर प्राथमिकता से निपटाया जाएगा.
• इसके अलावा एक बल गठित किया जाएगा, जो भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को तेजी प्रदान करेगा.
• दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति स्थापित करने के लिए अपनी-अपनी सेनाओं को निर्देश देने का फैसला लिया है.
भारत-चीन अनौपचारिक सम्मेलन
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने द्विपक्षीय एवं अंतरराष्ट्रीय महत्त्व के महत्त्वपूर्ण विषयों पर विचारों के आदान-प्रदान एवं वर्तमान अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य के संदर्भ में अपने-अपने देशों के राष्ट्रीय विकास के लिये उनकी प्राथमिकताओं और दृष्टिकोण पर विस्तार से बातचीत करने के लिये 27-28 अप्रैल, 2018 को वुहान में प्रथम अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया.
दोनों देशों ने भारत-चीन की सीमा पर डोकलाम सहित अन्य स्थानों पर शांति बनाए रखने तथा
सैन्य बलों को शांति के लिए उचित निर्देश देने की प्रतिबद्धता जाहिर की.
डोकलाम विवाद.......deatel me
डोकलाम विवाद का मुख्य कारण उसकी अवस्थिति है. यह एक ट्राई-जंक्शन है, जहाँ भारत, चीन और भूटान कि सीमा मिलती है. वैसे तो भारत का इस क्षेत्र पर कोई दावा नहीं है. दरअसल इस क्षेत्र को लेकर चीन भूटान के बीच में विवाद है. इस स्थान पर चीन द्वारा सड़क निर्माण आरंभ किये जाने पर भारतीय सैनिकों ने इसका विरोध किया जिस पर विवाद बढ़ गया. दोनों देशों द्वारा इस स्थान पर अपने-अपने सैन्य बल तैनात कर दिए गये. मामले की महत्ता को समझते हुए दोनों देशों ने संबंध सुधार की जो कोशिश शुरू की उसका ही नतीजा वुहान में अनौपचारिक बैठक के रूप में देखने को मिला.
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