Sunday, October 28, 2018

भारत मे विदेशी को प्राप्त मौलिक अधिकार

भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों को भाग III में अनुच्छेद 12 से 35 के अंतर्गत रखा गया है| इन अधिकारों को संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से लिया गया है| ये अधिकार बिना किसी भेदभाव के देश के सभी नागरिकों को प्रदान किये गए हैं| इन अधिकारों के कारण भारतीय संविधान के भाग III को “संविधान का मैग्ना-कार्टा” कहा जाता है|

भारत में विदेशियों को प्राप्त मौलिक अधिकारों की सूची:
  क्र.सं.
 केवल भारतीय नागरिकों को प्राप्त मौलिक अधिकार
 भारतीय नागरिकों एवं विदेशियों को प्राप्त मौलिक अधिकार
1.
धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध (अनुच्छेद 15)
 कानून के समक्ष समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14)
2.
सार्वजनिक रोजगार में अवसर की समानता (अनुच्छेद 16)
 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण (अनुच्छेद 20)
3.
 भाषण एवं अभिव्यक्ति, सभा, सम्मलेन, आंदोलन, निवास स्थान एवं व्यवसाय जैसे छः विषयों के लिए स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद  19)
 जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
4.
 अल्पसंख्यकों की भाषा, लिपि और संस्कृति का संरक्षण (अनुच्छेद 29)
 प्राथमिक शिक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 21A)
5.
 अल्पसंख्यकों को शैक्षिक संस्थान स्थापित करने एवं उसे संचालित करने का अधिकार (अनुच्छेद 30)
 कुछ मामलों में हिरासत में लिए जाने एवं गिरफ्तारी के विरुद्ध संरक्षण (अनुच्छेद 22)
6.
..................
 मानव व्यापार एवं बलात् श्रम पर रोक (अनुच्छेद 23)
7.
..................
 कारखानों में बच्चों के काम करने पर प्रतिबंध (अनुच्छेद 24)
8.
...................
 विभिन्न धर्मों के प्रचार-प्रसार एवं उनको अंगीकार करने की स्वतंत्रता (अनुछेद 25)
9.
....................
 धार्मिक सम्मलेन एवं अनुष्ठानों को आयोजित करने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 26)
10.
....................
 किसी भी धर्म को बढ़ावा देने के लिए करों के भुगतान से मुक्ति (अनुच्छेद 27)
11.
...................
 कुछ शिक्षण संस्थानों में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता (अनुच्छेद 28)


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