Friday, August 10, 2018

Top women's IAS in India

''एक महिला जो अपने विचारों को खुलकर वयक्त कर सके, वही शक्तिशाली महिला है। लेकिन इस तरह की आवाज की खोज करना वाकई में मुश्किल काम है।"
भारत में महिला IPS अधिकारियों को पिछले कुछ सदियों के दौरान अक्सर बहुत बड़ी चुनौतियों से गुजरना पड़ा है, लेकिन इसके विपरीत उन्होंने इस दौरान भी अपने वीरता पूर्ण कार्यों द्वारा अपनी क्षमता साबित की है। महिलाएं आज अर्धसैनिक बलों, मुख्य आयुक्तों और हमारे देश में दशकों पुरानी नक्सल समस्याओं से निपटने के लिए एक अधिकारी के रूप में महत्वपूर्ण और निर्णायक भूमिका अदा कर रही हैं।
महिलाओं का भारत में इतिहास महत्वपूर्ण रहा है। आधुनिक भारत में महिलाएं सर्वोच्च मंत्रालयों, राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, लोक सभा अध्यक्ष, नेता विपक्ष, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और गवर्नर्स सहित उच्च पदों पर सुशोभित रही हैं।
यहां तक कि महिला उम्मीदवारों ने देश की सबसे मुश्किल परीक्षा अर्थात सिविल सेवा की परीक्षा में कई बार पुरुष उम्मीदवारों को पीछे छोड़ा है।  पिछले 3 वर्षों से लगातार महिला उम्मीदवार IPS टॉपर्स की सूची में हावी रही हैं। इससे हमारे देश की सैकड़ों युवा लड़कियों को उनसे करियर के रूप में सिविल सेवा का चुनाव करने की प्ररेणा मिली हैं।
एक IPS अधिकारी का जॉब प्रोफाइल बहुत ही चुनौतीपूर्ण और गतिशील होता है l  इस नौकरी के प्रति बहुत ही समर्पण और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। लेकिन इन महिलाओं की मजबूत इच्छा शक्ति और एक तेज दिमाग के साथ साहस ने उन्हें यह मुकाम दिलाया है। यहां हम भारत की उन शीर्ष महिला IPS अधिकारियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।
Kiran Bedi IPS
किरन बेदी
किरण बेदी एक सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो वर्तमान में पुद्देचरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर हैं। 1972 में वह भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में शामिल होने वाली पहली महिला थीं। 2007 में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के महानिदेशक के साथ ही स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति ले ली। वह 35 साल कर सेवा में बनी रहीं।
किरण बेदी ने सबसे उल्लेखनीय कार्य तब किए, जब वह दिल्ली में जेल इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) के रूप में तैनात रहीं। उन्होंने तिहाड़ जेल में कई सुधारों की शुरुआत की, जिन्होंने दुनिया भर में ख्याति अर्जित की। 1994 में उन्हें रमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इस बीच, 2003 में संयुक्त राष्ट्र के पीस कीपिंग ऑपरेशंस विभाग में उन्हें यूएन महासचिव के पुलिस सलाहकार के रूप में नियुक्ति मिली l वो ऐसी नियुक्ति पाने वाली पहली भारतीय महिला बनीं थी। उन्होंने सामाजिक सक्रियता और लेखन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 2007 में इस्तीफा दे दिया। बेदी ने कई पुस्तकें लिखी हैं और वह ‘इंडिया विजन फाउंडेशन’ को भी संचालित करती हैं।
Archana Ramasundaram ips
अर्चना रामासुंदरम
1980 बैच की IPS अधिकारी श्रीमती अर्चना रामासुंदरम राजस्थान विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं, जहां उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा में नियुक्त होने से पहले एक व्याख्याता (लेक्चरर) के रूप में भी कार्य किया था। पुलिस सेवा में आने पर उन्हें तमिलनाडु कैडर आवंटित किया गया।
उन्होंने एसपी (प्रोहिबिशन एनफोर्समेंट विंग) के रूप में भी कार्य किया जहां उन्होंने बड़ी संख्या में बूटलेगर और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी। बाद में उन्होंने चेन्नई में एसपी (सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी) के रूप में कार्य किया। अगस्त 1995 में उन्हें सराहनीय सेवा के लिए पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया।
1999 में उन्हें केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति के लिए चुना गया और नई दिल्ली स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो में डीआईजी के रूप में तैनात किया गया। इस कार्यकाल के दौरान वर्ष 2005 में उन्हें प्रतिष्ठित सेवाओं के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। 3 फरवरी 2016 को उन्होंने सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक रूप में प्रभार ग्रहण किया और भारत में अर्धसैनिक बलों की कमान संभालने वाली पहली महिला होने का गौरव हासिल किया।
Meera Borwankar ips
मीरा बोरवणकर
1981 में मीरा बोरवणकर महाराष्ट्र कैडर की IPS अधिकारी बनीं और मुंबई में पुलिस उपायुक्त के रूप में सेवा की। 1993-95 में उन्हें राज्य सीआईडी क्राइम ब्रांच में तैनाती मिली। उन्होंने मुंबई में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के आर्थिक अपराध शाखा के साथ काम किया। वह नई दिल्ली में सीबीआई की भ्रष्टाचार ब्यूरो की महानिदेशक भी रह चुकी हैं।
2001 में मीरा बोरवणकर मुंबई की क्राइम ब्रांच विभाग की पहली महिला मुखिया बनीं। पुलिस मेडल और महानिदेशक के सम्मान के अलावा, उन्हें उनके शानदार योगदान के लिए 1997 में राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया। उनकी छवि एक सख्त अधिकारी की रही है। राज्य अपराध विभाग (1993-95) में अपनी सेवा के दौरान उन्होंने बहुत चर्चित जलगाँव सेक्स स्कैंडल की जांच की, जिसमें कई स्थानीय राजनेता शामिल थे।
Sanjukta Parashar IPS
संजुक्ता पराशर
संजुक्ता पराशर 2006 बैच की एक IPS अधिकारी हैं। उन्होंने नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ महिला कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी की और बाद में  परास्नातक की पढाई, एम. फिल और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रवेश किया। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में पूरे भारत में 85वीं रैंकिग हासिल की।
पराशर को पहली बार 2008 में मकुम में सहायक कमांडेंट के रूप में तैनात किया गया था।  जल्द ही उन्हें बोडो और अवैध बांग्लादेशी उग्रवादियों के बीच हुए संघर्षों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी दी गई।
उन्हें  सिर्फ 15 महीनों के दौरान 16 आतंकियों को ढेर करने, 64 से अधिक को गिरफ्तार करने तथा रहथियारों और गोला-बारूद जब्त करने के लिए काफी प्रसिद्धि मिली। पराशर ने खुद को एक IPS मुखिया के रूप में साबित किया। अलगाववादी विद्रोहियों के खिलाफ मुकाबला करने के लिए उन्होंने असम की जंगलों में अपनी टीम का नेतृत्व किया और अनगिनत मौकों पर उन्होंने अपनी जिंदगी को ताक पर रखा।
कानून के एक सशस्त्र अधिकारी के रूप में अपनी  सभी उपलब्धियों के बावजूद, पराशर ने एक ऐसा नरम पक्ष भी दिखाया है जो पूरे देश में कई लोगों के दिलों को जीत चुकी हैं। वह सबसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रह रहे विस्थापित लोगों के  शिविरों में आने वाली एक नियमित आगंतुक हैं जो वहां रहने वाले लोगों को जरूरी राहत सामाग्री मुहैया कराती है। वह सड़क सुरक्षा के लिए भी मुखर रही हैं। पाराशर को हेलमेट पहनने वाले मोटरसाइकिल सवारों के लिए टॉफियों की पेशकश करने के लिए भी जाना जाता है।
Sonia Narang ips
सोनिया नारंग
सोनिया नारंग 2002 बैच की एक IPS अधिकारी हैं। उन्होंने 1999 में पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक किया। सोनिया समाजशास्त्र में गोल्ड मैडलिस्ट रहीं हैं।  उन्हें अपराध जांच विभाग (सीआईडी) में डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ (पुलिस पुलिस उपमहानिरीक्षक) (डीआईजी) के पद पर पदोन्नत किया गया।
उन्हें अक्सर एक जिम्मेदार अधिकारी के रूप में जाना जाता है, जिसने लाइन क्रास करने पर एक राजनेता को थप्पड़ मार दिया था और उन्होंने लोकायुक्त में भ्रष्टाचार के घोटाले से पर्दा उठाया। इसी का परिणाम था कि पूर्व लोकायुक्त न्यायाधीश भास्कर राव को इस्तीफा देना पड़ा।
वह हालिया महीनों में भी सुर्खियों में रही जब उन्होंने चौंकाने वाले प्री-युनिवर्सिटी के प्रश्नपत्र घोटाले में अपराधियों की तलाश की । उन्हें चार साल के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर भेजा जा रहा है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) नई दिल्ली में उन्हें पुलिस अधीक्षक रूप में तैनात किया गया है।
Kanchan Chaudhary Bhattachary ips
कंचन चौधरी भट्टाचार्य
कंचन चौधरी भट्टाचार्य पहली महिला अधिकारी थी जो किसी राज्य की पहली पुलिस महानिरीक्षक बनी । वह अपने पद से 31 अक्टूबर 2007 को सेवानिवृत्त हुईं। वह किरण बेदी के बाद देश में दूसरी महिला IPS अधिकारी थीं और राज्य की डीजीपी बनने वाली पहली महिला थीं। वह उत्तर प्रदेश कैडर की पहली महिला IPS अधिकारी थी और उत्तराखंड की राज्य में डीजीपी रहीं।
उन्होंने कई मेडल अपने नाम किए। 1989 में उन्हें लंबी सराहनीय सेवाओं और 1997 में प्रतिष्ठित सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया। 2004 में उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें राजीव गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
2004 में कैनकन, मेक्सिको में आयोजित हुई इंटरपोल की बैठक में उन्हें भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था। उन्हें अखिल भारतीय महिला पुलिस तथा  उत्तराखंड पुलिस के अध्यक्ष के रूप में अपने सराहनीय कार्यों के लिए जाना जाता है। वह पुलिस सम्मेलन को होस्ट करने वाली दूसरी महिला थी जिन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा "उत्कृष्ट प्रदर्शन" के लिए प्रशंसा मिली।
उन्होंने डीजीपी वार्षिक सम्मेलन में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के प्रमुख के रूप में भारत में पुलिस में महिलाओं की भर्ती, प्रशिक्षण और महिलाओं के जारी मुद्दों को सामने रखा था।
Dr B Sandhya ips
डॉ. बी. संध्या
डॉ बी. संध्या, भारत में केरल पुलिस की अतिरिक्त महानिदेशक हैं। उन्होंने 1998 में वोलांगोंग विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया से मानव संसाधन प्रबंधन में प्रशिक्षण लिया और 1999 में पांडिचेरी विश्वविद्यालय से पीजीडीबी उत्तीर्ण किया।
2006 में संध्या केरल के पूर्व लोक निर्माण मंत्री पी. जे. जोसेफ के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने में शामिल रही थीं। 2009 में संध्या ने जन्मैईत्री सुरक्षा प्रोजक्ट (कम्यूनिटी पुलिस प्रोजेक्ट ऑफ केरल) को कार्यान्वित किया, जो सामुदायिक पुलिस का एक सफल मॉडल था।
2010 में संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ महिला पुलिस (आईएडब्ल्यूपी) ने संध्या को इंटरनेशनल स्कॉलरशिप ऑफ डिसटिंक्शन से सम्मानित किया। संध्या की सराहनीय सेवाओं के लिए 2006 में केरल पुलिस ने उन्हें राष्ट्रपति का पुलिस पदक प्रदान किया। उनका उपन्यास नीलकोगुल्लियुद कवल्ककर ने 2007 में एडसेरी पुरस्कार जीता। उन्हें 2013 में गोपालकृष्णन कोलाजी पुरस्कार, अब्दुशी शक्ति पुरस्कार, कुंजुनि पुरुस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
Vimla Mehra ips
विमला मेहरा
विमला मेहरा देश की पहली महिला विशेष आयुक्त है l वह एकमात्र ऐसी महिला है जिसने दिल्ली पुलिस के इतिहास में पहली बार विशेष आयुक्त पुलिस (प्रशासन) के महत्वपूर्ण पद का दायित्व निभाया।
उन्हें किरण बेदी के बाद दिल्ली की तिहाड़ जेल की दूसरी महिला महानिदेशक के रूप में सबसे ज्यादा जाना जाता है। उन्होंने जेल में एक प्रमुख बदलाव करते हुए महिला कैदियों के लिए विदेशी भाषा के पाठ्यक्रमों की शुरूआत की। महिला अपराध शाखा के प्रमुख के रूप में विमला मेहरा द्वारा महिला हेल्पलाइन (1091) की शुरूआत की गयी। एक महिला पुलिस अधिकारी के रूप में उन्हें महिलाओं से जुड़े सभी मामलों में जांच अधिकारी (आईओ) बनाया गया था, जो अपने आप में एक उपलब्धि थी। उन्होंने महिलाओं के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की।
सिख दंगों के दौरान दिल्ली में पहली बार विमला बटालियन के साथ सामने आईं जहां उन्होंने सबसे पहले महिलाओं के लिए पुलिस द्वारा चलाए गए आत्मरक्षा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किए। विमला बताती हैं कि आज भी तिहाड़ जेल में सुधार के लिए कई और कार्यक्रमों को शुरू करने की जरूरत है।
"एक आदमी जो करने के लिए बना है उसे वहीं करना चाहिए। एक महिला को वह करना चाहिए जो पुरूष नहीं कर सकते है।"- रोंड हेंसम

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